भ्रष्टाचार के आरोप में निलंबित हुआ सीएमओ कार्यालय का लिपिक

 कमिश्नर के निर्देश पर सीडीओ ने जांच कर कार्रवाई की संस्तुति की  

मीरजापुर। शासन ने मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय के लिपिक दीपक वर्मा को भ्रष्टाचार के आरोप में निलंबित कर दिया। उसे झांसी सीएमओ कार्यालय से सम्बद्ध कर दिया गया है। कमिश्नर के निर्देश पर मुख्य विकास अधिकारी की जांच रिपोर्ट के बाद शासन ने कार्रवाई की है। सीएमओ कार्यालय के एक अन्य लिपिक पर अभी कार्रवाई हो सकती है। उसकी उच्चस्तरीय जांच करायी जा रही है।
सीएमओ कार्यालय के वरिष्ठ लिपिक दीपक वर्मा पर आरोप है कि ईसीआरपी कार्यक्रम के तहत शासन से स्वीकृत बजट 61.30 लाख रुपये से अधिक खर्च कर दिए थे। इसके अलावा एनएचएम की योजनाओं में भी भारी गड़बड़ी करने का आरोप है। यहीं नहीं विभागीय टेण्डर की आड़ में शासकीय धन का दुरुपयोग भी किया जा रहा था। इसके अलावा जेएसएम के डाइट भुगतान में भी भारी वित्तीय अनियमितता बरती गई थी। इसकी शिकायत मीरजापुर सेवा समिति के संयोजक दिलीप सिंह गहरवार ने कमिश्नर योगेश्वर राम मिश्र से की थी। उन्होंने इस मामले की जांच मुख्य विकास अधिकारी श्रीलक्ष्मी वीएस को सौंप दी।
सीडीओ ने अपनी जांच में लिपिक दीपक वर्मा को दोषी ठहराते हुए शासन से निलंबित करने की संस्तुति की थी। शासन ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए लिपिक दीपक वर्मा को निलंबित करने के साथ ही झांसी सीएमओ कार्यालय से सम्बद्ध कर दिया। सीएमओ कार्यालय के एक अन्य लिपिक भी कार्रवाई की तलवार लटक रही है। पता चला है कि वह लिपिक भी भ्रष्टाचार के कई मामलों में लिप्त है। उसके खिलाफ भी कमिश्नर जांच करा रहे है।

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